- A. आंग्ल सामान्य विधि में
- B.आंग्ल साम्या विधि में
- C.आंग्ल अधिनियमित विधि में
- D. आंग्ल विशिष्ट विधि में
Q 1 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अन्तर्गत प्रावधानित उपचारों की जड़ें पाई जाती हैं :
- A. विधिक
- B. साम्यिक
- C. नैतिक
- D. (अ) एवं (स) दोनों
Q 2 -विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 के अन्तर्गत अनुदत्त उपचारों की प्रकृति है :
- A. विवेकीय
- B.समादेशात्मक
- C. आदेशात्मक
- D. निदेशात्मक
Q 3 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 के अन्तर्गत अनुदत्त उपचार हैं :
- A. कठोर विधिक सिद्धांतों पर
- B. न्याय, साम्या एवं सद्विवेक पर
- C.न्यायिक व्याख्याओं पर
- D. इनमें से कोई नहीं
Q 4 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 के अन्तर्गत अनुदत्त उपचार आधारित है :
- A. 1877 में
- B.1963 में
- C.1863 में
- D. 1862 में
Q 5 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम प्रथम बार पारित किया गया :
- A. 1 दिसम्बर, 1963 को
- B. 13 दिसम्बर, 1963 को
- C. 23 दिसम्बर, 1963 को
- D. 1 जनवरी, 1964 को
Q 6 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई –
- A. 1 अप्रैल, 1964
- B. 1 मई, 1963
- C. 1 मार्च, 1964
- D. 1 मार्च, 1963
Q 7 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 जम्मू कश्मीर के सिवाय संपूर्ण भारत पर इस दिनांक से लागू हुआ-
- A. सिविल अधिकारों के प्रवर्तन के लिये
- B.दण्ड विधियों के प्रवर्तन के लिये
- C.सिविल अधिकारों एवं दण्ड विधियों के प्रवर्तन के लिये
- D. किसी भी उद्देश्य के लिये
Q 8 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अनुदत्त किया जा सकता है –
- A. विधि द्वारा प्रवर्तनीय प्रत्येक कर्त्तव्य
- B.न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय प्रत्येक कर्त्तव्य
- C. प्रत्येक रूढ़िगत कर्तव्य
- D. प्रत्येक नैतिक कर्त्तव्य
Q 9 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 की धारा 2 में परिभाषित ‘बाध्यता’ के अन्तर्गत सम्मिलित है –
- A. विनिर्दिष्ट पालन से भिन्न अनुतोष के अधिकार को
- B.दस्तावेजों पर भारतीय रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 के प्रवर्तन को
- C.उपरोक्त दोनों को
- D. उपरोक्त दोनों को नहीं
Q. 10 -विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 प्रभावित नहीं करता है –
- A. व्यक्तिगत सिविल अधिकारों के प्रवर्तन हेतु प्रदत्त किया जाता है
- B.केवल दण्ड विधि के प्रवर्तन हेतु प्रदत्त किया जाता है
- C. न्यायालय की मनमानी विवेक शक्ति के अनुसार प्रदत्त किया जाता है
- D. (ब) एवं (स) दोनों
Q. 11 - गलत कथन चुनिये ।
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अन्तर्गत अनुतोष –
- A. अधिकार के रूप में प्राप्त किया जा सकता है
- B.अधिकार के रूप में प्राप्त नहीं किया जा सकता है
- C. विधिक कर्त्तव्य के रूप में प्राप्त किया जा सकता है
- D. विधिक बाध्यता के रूप में प्राप्त किया जा सकता है
Q. 12 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 के अधीन चाहा गया अनुतोष –
- A. प्रथम
- B. तृतीय
- C.सप्तम
- D. नवम
Q. 13 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 ……………..विधि आयोग की सिफारिशों के परिणामस्वरूप पारित हुआ।
- A. सिविल प्रक्रिया संहिता द्वारा उपबन्धित प्रकार से
- B.दण्ड प्रक्रिया संहिता द्वारा उपबन्धित प्रकार से
- C.सिविल प्रक्रिया संहिता और दण्ड प्रक्रिया संहिता द्वारा उपबन्धित प्रकार से
- D. भारतीय संविदा अधिनियम द्वारा उपबन्धित प्रकार से
Q. 14 - ऐसा व्यक्ति, जो किसी विनिर्दिष्ट स्थावर संपत्ति के कब्जे का हकदार है, वह किस प्रकार से उसका प्रत्युद्धरण कर सकता है ?
- A. बेकब्जा किये जाने की तारीख के छह माह के अवसान के पश्चात् वाद नहीं लाया जा सकता है
- B. सरकार के विरुद्ध वाद नहीं लाया जा सकता है
- C. इस धारा के अधीन संस्थित किसी भी वाद में पारित किसी भी आदेश या डिक्री से अपील नहीं हो सकती है और न ही पुनरीक्षण अनुज्ञात हो सकता है।
- D. इस धारा की कोई भी बात किसी भी व्यक्ति को बेकब्जा की गयी सम्पत्ति पर अपना हक स्थापित करने के लिये वाद लाने से और कब्जे का प्रत्युद्धरण करने से वर्जित नहीं करती है
Q. 15 - धारा 6 के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है ?
- A. धारा -5
- B.धारा – 6
- C.धारा – 7
- D. धारा -8
Q. 16 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की किस धारा के अंतर्गत कोई न्यासी किसी विनिर्दिष्ट जंगम सम्पत्ति के कब्जे के प्रत्युद्धरण, जिसमें के हितप्रद हित का वह हकदार है, वाद ला सकता है ?
- A. धारा – 5
- B. धारा -6
- C. धारा – 7
- D. धारा – 8
Q. 17 - निम्नलिखित में से किस धारा के अन्तर्गत जिस व्यक्ति का जंगम सम्पत्ति की किसी भी विशिष्टि वस्तु पर कब्जा अथवा नियंत्रण है किन्तु स्वामी के नाते नहीं है, का उन व्यक्तियों को जो अव्यवहित कब्जे के हकदार हैं, को कब्जे का विनिर्दिष्ट परिदान करने का दायित्व है ?
- A. जबकि दावाकृत वस्तु उसके द्वारा अव्यवहित कब्जे के हकदार व्यक्ति के अभिकर्ता अथवा न्यासी के रूप में धारित हो
- B.जबकि दावाकृत वस्तु की हानि के लिये धन के रूप में प्रतिकर अव्यवहित कब्जे के हकदार व्यक्ति को यथायोग्य अनुतोष न पहुंचाता हो
- C.जबकि दावाकृत वस्तु का कब्जा अव्यवहित व्यक्ति के पास से सदोषत: अन्तरित न कराया गया हो
- D. उपरोक्त सभी परिस्थितियों में
Q. 18 - धारा – 8 के अन्तर्गत निम्नलिखित में से किन दशाओं में ऐसे व्यक्ति जिनका जंगम सम्पत्ति की किसी भी विशिष्ट वस्तु पर कब्जा अथवा नियंत्रण है जिसका वह स्वामी नहीं है, को उसके अव्यवहित कब्जे के हकदार व्यक्ति को उसका विनिर्दिष्टत: परिदान करने के लिये विवश किया जा सकता है ?
- A. छ: माह
- B.तीन माह
- C.चार माह
- D. बारह माह
Q. 19 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 6 के अन्तर्गत स्थावर सम्पत्ति से बेकब्जा किये गये व्यक्ति द्वारा कब्जे की पुनः प्राप्ति हेतु वाद लाने की अधिकतम अवधि है –
- A. अवयस्क के विरुद्ध नहीं लाया जाएगा
- B.प्राइवेट कम्पनी के विरुद्ध नहीं लाया जाएगा
- C. सरकार के विरुद्ध नहीं लाया जाएगा
- D. तीन माह पश्चात् नहीं लाया जाएगा
Q. 20 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 6 के अन्तर्गत कब्जे की वापसी हेतु कोई भी वाद-
- A. 6 माह
- B. 3 माह
- C. 3 माह
- D. 12 वर्ष
Q. 21 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 5 के अधीन विनिर्दिष्ट स्थावर सम्पत्ति के कब्जे से बेकम्जा किया गया व्यक्ति स्वत्व के आधार पर कब्जे की पुनः प्राप्ति हेतु वाद दायर कर सकेगा। ऐसे वाद संस्थित करने की अवधि सीमा है-
- A. पूर्व आधिपत्य साबित किया जाना आवश्यक होता है
- B. स्वत्व को सिद्ध किया जाना आवश्यक नहीं होता है
- C. स्वत्व को सिद्ध करना आवश्यक होता है, पूर्व आधिपत्य नहीं
- D. (अ) एवं (ब) दोनों सही हैं
Q. 22 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 6 के अन्तर्गत कन्जे की पुनः प्राप्ति के बाद में –
- A. अपील द्वारा
- B. पुनरीक्षण द्वारा
- C. पुनर्विलोकन द्वारा
- D. अपील एवं पुनर्विलोकन द्वारा
Q. 23 -
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 6 के अन्तर्गत वाद में किसी भी आदेश या डिक्री को चुनौती दी जा सकती है –- A. बेदखल किया गया व्यक्ति हक के आधार पर कब्जा वापस प्राप्त कर सकता है
- B. बेदखल किया गया व्यक्ति केवल इस आधार पर कब्जा प्राप्त कर सकता है कि वह कब्जे में था और उसे अविधिक सदोष बेदखल कर दिया गया था
- C. बेदखल व्यक्ति को यह सिद्ध करना पड़ता है कि उसे बेदखल करने वाले व्यक्ति की अपेक्षा बेहतर हक प्राप्त
- D. उपरोक्त सभी
Q. 24 - धारा 6 के संबंध में निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है?
- A. कब्जा वापस दिलवाये जाने की
- B. कब्जा वापस दिलवाये जाने एवं प्रतिकर प्राप्त करने की
- C. सम्पत्ति पर हक दिलवाये जाने की
- D. उपरोक्त सभी
Q. 25 - धारा 6 के अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन से उपचार के लिये प्रार्थना की जा सकती है ?
- A. वादी को कब्जा प्राप्त करने का हक होना चाहिए
- B. सम्पत्ति ऐसी हो जो विनिश्चित करने योग्य हो
- C. सम्पत्ति ऐसी हो जिसका अभिग्रहण करके परिदान किया जा सकता हो
- D. उपरोक्त सभी
Q. 26 - धारा 7 के अन्तर्गत जंगम सम्पत्ति के कब्जे को प्राप्त करने के लिये निम्नलिखित में कौन-सा तत्व आवश्यक है ?
- A. धारा 8 के अन्तर्गत डिक्री वस्तु के मूल्य के बराबर धनराशि दिलवाने के लिये होती है
- B. धारा 8 के अन्तर्गत किसी स्वामी के विरुद्ध वाद लाया जा सकता है
- C. धारा 8 के अन्तर्गत जो सम्पत्ति मांगी जा रही है उसकी हानि के लिये धनराशि के रूप में प्रतिकर पर्याप्त हो
- D. धारा 8 के अन्तर्गत आवश्यक है कि वादी को सम्पत्ति पर तुरन्त कब्जा प्राप्त करने का अधिकार हो
Q. 27 - धारा 8 के संबंध में निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है ?
- A. किसी संविदा का, जबकि वह कार्य, जिसके करने का करार हुआ है, किसी न्यास के पूर्णत: या भागतः पालन में हो
- B. न्यासी द्वारा अपनी शक्तियों के बाहर की गयी संविदा का
- C. न्यासी द्वारा न्यास भंग में की गयी संविदा का
- D. उपरोक्त सभी का
Q. 28 - निम्नलिखित में से किसका विनिर्दिष्ट पालन प्रवर्तनीय है ?
- A. न्यासियों द्वारा
- B. न्यासप्रद हित रखने वाले व्यक्तियों द्वारा
- C. किसी भी व्यक्ति द्वारा
- D. (अ) और (ब) द्वारा
Q. 29 - न्यास से संबंधित संविदाओं का निम्नलिखित में किसके द्वारा विनिर्दिष्ट पालन करवाया जा सकता है ।
- A. स्थावर सम्पत्ति के अन्तरण की संविदा के भंग का धन के रूप में प्रतिकर द्वारा यथायोग्य अनुतोष नहीं दिया जा सकता है
- B. ऐसी जंगम सम्पत्ति जो मामूली वाणिज्य वस्तु नहीं है, के अन्तरण की संविदा के भंग का धन के रूप में प्रतिकर द्वारा यथायोग्य अनुतोष नहीं दिया जा सकता है
- C. ऐसी जंगम सम्पत्ति जो बाजार में सुगमता से अभिप्राप्य नहीं है, के अन्तरण को संविदा भंग का धन के रूप में प्रतिकर द्वारा यथायोग्य अनुतोष नहीं दिया जा सकता है
- D. उपरोक्त सभी
Q. 30 - धारा 10 के अन्तर्गत जब तक और जहाँ तक कि तत्प्रतिकूल सिद्ध न कर दिया जाए, न्यायालय निम्नलिखित में क्या उपधारित करेगा –
- A. जबकि उस कार्य का, जिसको करने का करार हुआ है अपालन द्वारा कारित वास्तविक नुकसान का अभिनिश्चय करने के लिये कोई मानक विद्यमान नहीं है
- B. जबकि वह कार्य, जिसके करने का करार हुआ है ऐसा है कि उसके अपालन के लिये धन के रूप में प्रतिकर यथायोग्य अनुतोष नहीं है।
- C. जबकि वह कार्य जिसके करने का करार हुआ है किसी न्यास के पूर्णतः पालन में है
- D. उपरोक्त सभी
Q. 31 - धारा 10 के अन्तर्गत संविदा के विनिर्दिष्ट पालन को प्रवर्तित कराने के लिये कौन-सी दशा का होना आवश्यक नहीं है ?
- A. यह अधिनियम दीवानी न्यायालय की अधिकारिता को विनिर्दिष्ट अनुतोष के संबंध में अधिक विस्तृत करता
- B. यह अधिनियम सभी प्रकार के विनिर्दिष्ट अनुतोष को सम्मिलित नहीं करता है
- C. यह अधिनियम केवल संविदाओं के विनिर्दिष्ट पालन से ही संबंधित नहीं है
- D. उपरोक्त सभी
Q. 32 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 के संबंध में निम्नलिखित में कौन सा कथन सही है ?
- A. संविदा का कोई भी पक्षकार ।
- B. संविदा के किसी भी पक्षकार का हित-प्रतिनिधि
- C. संविदा के किसी भी पक्षकार का मालिक
- D. उपरोक्त सभी
Q. 33 - किसी संविदा का विनिर्दिष्ट पालन निम्नलिखित में से कौन अभिप्राप्त कर सकता है ?
- A. वह संविदा जिसके अपालन के लिये धन के रूप में प्रतिकर यथायोग्य अनुतोष नहीं है
- B. वह संविदा जो अपनी प्रकृति से ही पर्यवसेय नहीं है
- C. जहाँ संविदा किसी ऐसे ऋण के प्रतिसंदाय को प्रतिभूत करने के लिये, जिसे उधार लेने वाला तत्क्षण प्रतिसंदत्त करने को रजामंद न हो, बन्धक निष्पादन करने या कोई अन्य प्रतिभूति देने के लिये हो
- D. वह संविदा जिसके पालन में ऐसा सतत्-कर्तव्य का पालन अन्तर्वलित है जिसका न्यायालय पर्यवेक्षण न कर सके
Q. 34 - निम्नलिखित में से कौन सी संविदा विनिर्दिष्टतः प्रवर्तित नहीं करायी जा सकती है ?
- A. जबकि उस कार्य का, जिसके करने का करार हुआ है अपालन द्वारा कारित वास्तविक नुकसान का अभिनिश्चय करने के लिये कोई मानक विद्यमान नहीं है।
- B. जबकि वह कार्य, जिसके करने का करार हुआ है ऐसा है कि उसके पालन के लिये धन के रूप में प्रतिकर यथायोग्य अनुतोष न पहुंचाता हो
- C. वह संविदा जो अपनी प्रकृति से ही पर्यवसेय हो
- D. उपरोक्त (अ) और (ब) का
Q. 35 - निम्नलिखित में किस दशा में किसी भी संविदा का विनिर्दिष्ट पालन न्यायालय के विवेकानुसार प्रवर्तित कराया जा सकता है ?
- A. धारा – 10
- B. धारा – 11
- C. धारा – 12
- D. धारा – 13
Q. 36 - निम्नलिखित में से किस धारा के अन्तर्गत न्यासों के संसक्त संविदाओं का विनिर्दिष्ट पालन प्रवर्तित कराया जा सकता है ?
- A. जो किसी न्यास के भागतः पालन में है
- B. जो न्यासी द्वारा अपनी शक्तियों से बाहर की गयी है
- C. जो न्यास भंग करने वाली है
- D. (ब) और (स) को
Q. 37 - न्यासी द्वारा की गयी निम्नलिखित में किस संविदा को विनिर्दिष्ट रूप से लागू नहीं करवाया जा सकता है
- A. सरकारी संविदाओं के विनिर्दिष्ट पालन
- B. न्यासों से संसक्त संविदाओं के विनिर्दिष्ट पालन
- C. संविदा के किसी भाग का विनिर्दिष्ट पालन
- D. उपरोक्त में से किसी से भी नहीं
Q. 38 - अथरफोर्ड बनाम एक्टन ऐडम्स वाद का संबंध निम्नलिखित में से किससे है ?
- A. धारा – 10
- B. धारा – 11
- C. धारा – 12
- D. धारा – 13
Q. 39 - निम्नलिखित में किस धारा के अन्तर्गत संविदा के भाग का विनिर्दिष्ट पालन प्रवर्तित कराया जा सकता है ?
- A. रसकोंडा नारायण बनाम पोंथाडा पर्वथम्मा
- B. एस.बी. दत्त बनाम यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली
- C. महावीर प्रसाद जैन बनाम गंगा सिंह
- D. उपरोक्त सभी
Q. 40 - निम्नलिखित में किस वाद का संबंध धारा 12 से है ?
- A. यदि उस संविदा की विषय-वस्तु का कोई प्रभाग जो संविदा की तारीख को अस्तित्व में था उस संविदा के पालन के समय अस्तित्व में न रहा हो
- B. यदि संविदा का वह पक्षकार जानबूझकर कोई ऐसा कार्य करे जो संविदा द्वारा स्थापित किये जाने के लिये _ आशयित संबंध का विसंवादी हो।
- C. यदि संविदा का वह पक्षकार संविदा का पालन करने में असमर्थ हो गया हो
- D. यदि संविदा का वह पक्षकार जानबूझकर कोई ऐसा कार्य करे जो संविदा द्वारा स्थापित किये जाने के लिये आशयित संबंध का ध्वंसक हो
Q. 41 - धारा 12 के प्रयोजनों के लिये निम्नलिखित में किस दशा में संविदा के किसी पक्षकार को उस संविदा के पूरे भाग का पालन करने के लिये असमर्थ माना जायेगा ?
- A. केवल जंगम सम्पत्ति के विक्रय की संविदा को लागू होंगे
- B. केवल जंगम सम्पत्ति के भाड़े की संविदा को लागू होंगे
- C. केवल स्थावर सम्पत्ति के विक्रय या भाड़े की संविदा को लागू होंगे
- D. उपरोक्त सभी प्रकार की संविदाओं को लागू होंगे
Q. 42 - धारा 13 के अन्तर्गत हक न रखने या अपूर्ण हक वाले व्यक्ति के विरुद्ध क्रेता के अधिकार –
- A. इस धारा के अधीन अधिनिर्णीत किसी प्रतिकर की राशि के निर्धारण में न्यायालय, भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 की धारा 73 में विनिर्दिष्ट सिद्धांत द्वारा मार्गदर्शित होगा
- B. यदि संविदा विनिर्दिष्ट अनुपालन के अयोग्य हो गयी है तो भी न्यायालय इस धारा के अन्तर्गत प्रतिकर दिला सकता है
- C. इस धारा के अधीन कोई प्रतिकर नहीं दिलाया जायेगा जब तक कि वादी ने वादपत्र में ऐसे प्रतिकर का दावा न किया हो
- D. यदि वादी ने वादपत्र में प्रतिकर का दावा नहीं किया है तो न्यायालय वादपत्र में संशोधन कर दावा प्रस्तुत करने की अनुज्ञा नहीं दे सकता है
Q. 43 - धारा 21 के अन्तर्गत प्रतिकर दिलाने की शक्ति के संबंध में क्या सही नहीं है ?
- A. सम्पत्ति का कब्जा
- B. सम्पत्ति का विभाजन और पृथक कब्जा
- C. सम्पत्ति का विभाजन और पृथक कब्जा
- D. उपरोक्त सभी
Q. 44 - धारा 22 के अन्तर्गत किसी स्थावर सम्पत्ति के अन्तरण की संविदा के विनिर्दिष्ट पालन का वाद लान वाला व्यक्ति, विनिर्दिष्ट पालन के अतिरिक्त निम्नलिखित में क्या मांग कर सकता है ?
- A. धारा 21
- B. धारा 22
- C. धारा 23
- D. धारा 24
Q. 45 - निम्नलिखित में किस धारा के अन्तर्गत संविदा के विनिर्दिष्ट पालन के वाद खारिज होने के पश्चात् संविदा भंग के लिये प्रतिकर के लिये वाद को वर्जित किया गया है ?
- A. बन्धक निष्पादन की संविदा
- B. भवन निर्माण की संविदा
- C. भूमि विक्रय की संविदा
- D. विवाह की संविदा
Q. 46 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अधीन निम्नलिखित किस संविदा का विशिष्ट पालन न्यायालय की डिक्री या आदेश द्वारा नहीं कराया जा सकता है –
- A. विधि की खण्डनीय उपधारणा
- B. विधि की अखण्डनीय उपधारणा
- C. तथ्य की खण्डनीय उपधारणा
- D. तथ्य की अखण्डनीय उपधारणा
Q. 47 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अधीन स्थावर सम्पत्ति के अंतरण की संविदा के भंग का धन के रूप में प्रतिकर द्वारा यथायोग्य अनुतोष नहीं दिये जा सकने की उपधारणा है –
- A. प्रतिकर हेतु वाद नहीं ला सकता
- B. अन्य अनुतोष हेतु वाद ला सकता है
- C. न्यायालय की अनुमति से पुनः वाद ला सकता है।
- D. (अ) एवं (ब) दोनों सही हैं
Q. 48 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अधीन विनिर्दिष्ट पालन के वाद के खारिज हो जाने के पश्चात् वादी-
- A. लिखतों का नवीनीकरण
- B. लिखतों में सुधार
- C. पक्षकारों के आशय के अनुरूप लिखतों में सुधार
- D. लिखतों को शून्य बनाना
Q. 49 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अध्याय 3 के अधीन लिखतों की परिशुद्धि में सम्मिलित है –
- A. विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अधीन निम्नलिखित में से किन संविदाओं का विनिर्दिष्ट पालन न्यायालय की डिक्री या आदेश द्वारा नहीं कराया जा सकता है –
- B. जहाँ संविदा वैयक्तिक अर्हताओं पर आश्रित हो
- C. जहाँ संविदाजन्य कर्त्तव्य पालन न्यायालय द्वारा अपर्यवेक्षणीय हो
- D. उपरोक्त सभी
Q. 50 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अधीन निम्नलिखित में से किन संविदाओं का विनिर्दिष्ट पालन न्यायालय की डिक्री या आदेश द्वारा नहीं कराया जा सकता है –
- A. पश्चात्वर्ती अर्जित हित से संविदा पूर्ति का अधिकार
- B. अन्य व्यक्तियों से आवश्यक सहमति प्राप्त करने हेतु विक्रेता या पट्टाकर्ता को विवश करने का अधिकार
- C. वाद खारिजी की दशा में अग्रिम धन प्राप्त करने का अधिकार
- D. उपरोक्त सभी
Q. 51 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 13 के अधीन हक न रखने वाले या अपूर्ण हक रखने वाले व्यक्ति के विरुद्ध क्रेता या पट्टेदार को अधिकार प्राप्त है –
- A. अग्रिम राशि ब्याज सहित पाने का अधिकार
- B. वाद के खर्चे प्राप्त करने का अधिकार
- C. संविदा की विषय-वस्तु पर धारणाधिकार
- D. उपरोक्त सभी
Q. 52 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अधीन जब संविदा के विशिष्ट पालन का वाद हक के अभाव में या अपूर्ण हक के आधार पर खारिज कर दिया जाता है तब ऐसी अवस्था में क्रेता या पट्टागृहीता को प्राप्त होंगे-
- A. संविदा के पक्षकार
- B. पक्षकार के हित प्रतिनिधि
- C. सकब्जा उत्तरभोगी
- D. उपर्युक्त सभी
Q. 53 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 15 के अन्तर्गत निम्न में से किन व्यक्तियों द्वारा संविदा के विनिदिष्ट पालन हेतु वाद लाया जा सकता है –
- A. संविदा के पक्षकार
- B. हक के अधीन दावा करने वाले व्यक्ति
- C. हक के अधीन दावा करने वाले व्यक्ति
- D. (अ) एवं (ब) दोनों
Q. 54 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 19 के अन्तर्गत निम्न में से किन व्यक्तियों के विरुद्ध संविदा के विनिर्दिष्ट पालन हेतु वाद लाया जा सकता है –
- A. जो कपट, मिथ्या व्यपदेशन या तथ्य की भूल के कारण पक्षकारों के आशय के अनुरूप नहीं रह गई हो
- B. जो पक्षकारों के आशय के अनुसार विधिक परिणाम उत्पन्न नहीं कर रही हो
- C. जबकि पक्षकारों ने संविदा निष्पादन के पश्चात् उसकी शर्तों में परिवर्तन कर दिया हो
- D. उपरोक्त सभी
Q. 55 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 18 के अन्तर्गत किन संविदाओं का विनिर्दिष्ट अनुपालन नहा कराया जा सकता है –
- A. मनमानी नहीं है
- B. स्वस्थ और युक्तियुक्त न्यायिक सिद्धांतों द्वारा मार्गदर्शित है
- C. अपील न्यायालय द्वारा शुद्धिशक्त है
- D. उपर्युक्त सभी सही हैं
Q. 56 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 20 के अधीन विनिर्दिष्ट पालन की डिक्री के बारे में न्यायालय की अधिकारिता वैवेकिक है परन्तु न्यायालय की यह अधिकारिता –
- A. विनिर्दिष्ट पालन के अतिरिक्त या उसके स्थान पर प्रतिकर
- B. संपत्ति का विभाजन एवं पृथक कब्जा
- C. निर्दिष्ट पालन की नामंजूरी की दशा में अन्य अनुतोष
- D. उपरोक्त सभी
Q. 57 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अधीन विनिर्दिष्ट पालन के बाद में वादी द्वारा मांग की जा सकती है –
- A. पक्षकार
- B. पक्षकारों के हित प्रतिनिधि
- C. अन्य प्रभावित व्यक्तियों सहित पक्षकार
- D. (अ) एवं (ब) दोनों
Q. 58 - जबकि पक्षकारों के कपट या भूल के कारण कोई लिखित संविदा उनके वास्तविक आशय को अभिव्यक्त नहीं करती तब लिखत को परिशोधित करने हेतु वाद लाने का अधिकारी है –
- A. जहाँ वादी ने संविदा को अनुसमर्थित कर दिया हो
- B. जहाँ पर-व्यक्ति ने सद्भावी सूचना के बिना मूल्यार्थ हित प्राप्त कर लिया हो
- C. जहाँ वादी द्वारा संविदा शून्यकरणीय हो
- D. (अ) एवं (ब) दोनों
Q. 59 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 27 के अधीन किन दशाओं में न्यायालय संविदा का विखण्डन नामंजूर कर सकेगा –
- A. जब लिखत शून्य हो
- B. जब लिखत शून्यकरणीय हो
- C. जब लिखत शून्य या शून्यकरणीय हो
- D. जब लिखत प्रवर्तनीय हो
Q. 60 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 33 के अधीन न्यायालय द्वारा कब लिखत के रद्दकरण का आदेश दिया जा सकता है –
- A. धारा 31
- B. धारा 34
- C. धारा 36
- D. धारा 35
Q. 61 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की कौन सी धारा न्यायालय को किसी व्यक्ति की प्रास्थिति या अधिकार की घोषणा के बारे में अधिकारिता प्रदान करती है –
- A. विधिक हैसियत रखने वाला व्यक्ति
- B. सम्पत्ति में अधिकार रखने वाला व्यक्ति
- C. उपरोक्त (अ) एवं (ब) दोनों
- D. उपरोक्त (अ) एवं (ब) दोनों नहीं
Q. 62 - विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 34 के अधीन घोषणात्मक डिक्री के लिये वाद संस्थित कर सकता है
- A. प्रतिकर द्वारा
- B. घोषणात्मक डिक्री द्वारा
- C. विनिर्दिष्ट अनुपालन द्वारा
- D. अस्थायी या शाश्वत व्यादेश द्वारा
Q. 63 - निवारक अनुतोष कैसे अनुदत्त किया जाता है ?
- A. अस्थायी
- B. शाश्वत
- C. आज्ञापक
- D. उपरोक्त सभी
Q. 64 - निम्नलिखित में कौन-सा व्यादेश सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 द्वारा विनियमित होता है ?
- A. प्रथम-दृष्ट्या मामला
- B. सुविधा का संतुलन
- C. अपूरणीय क्षति
- D. उपर्युक्त सभी
Q. 65 - अस्थायी व्यादेश प्रदत्त करने का आधार है –
- A. धारा 34
- B. धारा 37
- C. धारा 39
- D. धारा 40
Q. 66 - निम्नलिखित में से किस धारा के अन्तर्गत व्यादेश के स्थान पर या उसके अतिरिक्त नुकसानी का दावा किया जा सकता है ?
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